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IND vs ENG 2025: बुमराह को आराम, वाशिंगटन की वापसी | प्लेइंग इलेवन और लाइव अपडेट

क्रिकेट सिर्फ एक खेल नहीं है, बल्कि करोड़ों भारतीयों की भावना है। जब मैदान में भारतीय टीम उतरती है, तो टीवी के सामने बैठा हर दर्शक खुद को मैदान का हिस्सा मानता है। और जब बात इंग्लैंड जैसी मजबूत टीम से भिड़ंत की हो, तो रोमांच और उम्मीदें दोनों अपने चरम पर होती हैं।

ऐसे ही एक मैच में जब भारतीय प्लेइंग इलेवन की घोषणा हुई, तो सबकी नजरें ठहर गईं। जसप्रीत बुमराह, भारत के सबसे भरोसेमंद और घातक गेंदबाज को आराम दिया गया था। उनकी जगह वाशिंगटन सुंदर, साई किशोर रेड्डी और आकाश दीप जैसे तीन नए चेहरों को मौका मिला। और इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाज़ी करने का निर्णय लिया।

तो सवाल उठता है – क्या यह एक रणनीतिक निर्णय है या एक जोखिम? आइए इस पूरे फैसले को गहराई से समझते हैं।


जसप्रीत बुमराह को आराम: सही समय पर लिया गया फैसला?

बुमराह – एक ऐसा नाम, जो अकेले किसी भी बल्लेबाज़ी क्रम की नींव हिला सकता है। उनकी यॉर्कर, स्लोवर और लाइन लेंथ इतनी सटीक होती है कि विपक्षी कप्तान भी उनके सामने रणनीति बनाने में उलझ जाता है।

लेकिन इतने प्रभावशाली गेंदबाज को आराम देना एक साहसिक कदम है। दरअसल, क्रिकेट सिर्फ 11 खिलाड़ियों का खेल नहीं है, यह 15-20 खिलाड़ियों की बेंच स्ट्रेंथ की परीक्षा भी है। बुमराह को आराम देना टीम इंडिया की दीर्घकालिक योजना का हिस्सा है।

क्यों ज़रूरी था उन्हें रेस्ट देना?

  • वर्कलोड बढ़ता जा रहा है।
    बुमराह लगातार अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट, आईपीएल और अन्य टूर्नामेंट खेलते आ रहे हैं। शरीर को ब्रेक चाहिए होता है।
  • विश्व कप 2026 की तैयारी।
    टीम बुमराह जैसे स्टार्स को उन टूर्नामेंट्स के लिए तरोताज़ा रखना चाहती है।
  • बेंच स्ट्रेंथ की जांच।
    आज नहीं तो कल टीम को बुमराह के अलावा विकल्प तैयार करने ही होंगे।

वाशिंगटन सुंदर की वापसी: एक ऑलराउंड पैकेज

वाशिंगटन सुंदर का नाम सुनते ही वो मैच याद आता है जहां उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में एक टेस्ट जीताने में बड़ी भूमिका निभाई थी। एक सधे हुए ऑफ स्पिनर, जो बल्लेबाज़ी में भी कमाल कर सकते हैं। सुंदर की खासियत है उनकी शांत स्वभाव, धैर्य और फोकस।

सुंदर क्यों जरूरी हैं इस मैच में?

  • स्पिन के लिए अनुकूल पिच:
    अगर पिच स्पिनर्स को मदद करती है, तो सुंदर शुरुआत में ही गेम पर पकड़ बना सकते हैं।
  • बैटिंग बैकअप:
    निचले क्रम में रन जोड़ने की उनकी काबिलियत भारत के लिए बहुत अहम हो सकती है।
  • डायनामिक फील्डर:
    सुंदर जैसे खिलाड़ी पूरे मैदान पर फुर्ती से खेलते हैं।

इस मुकाबले में सुंदर को देखना दिलचस्प होगा, खासकर इंग्लैंड के बाएं हाथ के बल्लेबाज़ों के खिलाफ।


साई किशोर रेड्डी: घरेलू क्रिकेट का छिपा हुआ हीरा

बहुत से क्रिकेट फैंस के लिए यह नाम नया हो सकता है, लेकिन जो लोग घरेलू क्रिकेट और IPL को बारीकी से देखते हैं, उन्हें पता है कि साई किशोर रेड्डी एक गंभीर प्रतिभा हैं।

बाएं हाथ के स्पिनर, जो टाइट लाइन और लेंथ में माहिर हैं। तमिलनाडु की ओर से घरेलू क्रिकेट में उन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन किया है और अब उन्हें अंतरराष्ट्रीय मंच मिला है।

रेड्डी से क्या उम्मीद की जा सकती है?

  • रन रोकने में माहिर:
    रेड्डी की इकोनॉमी बहुत प्रभावशाली है, जिससे वह रन फ्लो पर ब्रेक लगा सकते हैं।
  • नर्वस नहीं होते:
    उनकी गेंदबाज़ी में एक आत्मविश्वास झलकता है, जो नए खिलाड़ियों में कम देखने को मिलता है।
  • IPL एक्सपीरियंस:
    उन्होंने दबाव में गेंदबाज़ी की है, इसलिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी खुद को संभाल सकते हैं।

आकाश दीप: भारत की तेज़ गेंदबाज़ी को नई धार

बुमराह की जगह अगर किसी खिलाड़ी को मौका मिला है, तो वह आकाश दीप हैं। बिहार में जन्मे और बंगाल से खेलने वाले इस तेज़ गेंदबाज़ की कहानी संघर्ष से भरी है, लेकिन उनके पास वह आत्मबल है जो किसी भी बल्लेबाज़ को चौंका सकता है।

आकाश दीप की खास बातें:

  • अच्छी स्विंग:
    वह नई गेंद को दोनों ओर स्विंग करा सकते हैं, जो बल्लेबाज़ों को असहज कर देती है।
  • तेज़ और सटीक:
    उनकी गति और नियंत्रण दोनों बेहतरीन हैं।
  • मज़बूत माइंडसेट:
    रणजी ट्रॉफी और IPL में प्रदर्शन करते हुए उन्होंने खुद को साबित किया है।

टीम इंडिया को उनसे अच्छी शुरुआत की उम्मीद है, और हो सकता है वह जल्दी विकेट निकालकर बुमराह की कमी महसूस न होने दें।


इंग्लैंड का टॉस जीतकर पहले गेंदबाज़ी चुनना: चतुर चाल या आत्मविश्वास?

इंग्लैंड की टीम जानती है कि भारत के पास एक मजबूत बल्लेबाज़ी क्रम है। ऐसे में पहले बॉलिंग चुनना शायद इसलिए किया गया ताकि सुबह की नमी और पिच से मिलने वाली शुरुआती मदद का फायदा उठाया जा सके।

इंग्लैंड की रणनीति:

  • भारत के नए खिलाड़ियों पर दबाव डालना।
  • पिच के स्विंग और बाउंस का फायदा उठाना।
  • लक्ष्य का पीछा करना, जो उनकी ताकत रही है।

यह फैसला इंग्लैंड के आत्मविश्वास को दर्शाता है, लेकिन भारत की बल्लेबाज़ी अगर टिक गई तो यह दांव उल्टा भी पड़ सकता है।


भारत की संभावित प्लेइंग इलेवन

  1. रोहित शर्मा (कप्तान)
  2. शुभमन गिल
  3. विराट कोहली
  4. सूर्यकुमार यादव
  5. केएल राहुल (विकेटकीपर)
  6. हार्दिक पंड्या
  7. वाशिंगटन सुंदर
  8. साई किशोर रेड्डी
  9. आकाश दीप
  10. कुलदीप यादव
  11. मोहम्मद सिराज

क्या यह प्लान भारत के लिए फायदेमंद साबित होगा?

किसी भी टीम के लिए यह ज़रूरी होता है कि वह नई प्रतिभाओं को मौका दे। जब बुमराह, भुवनेश्वर, शमी जैसे खिलाड़ी टीम में आए थे, तब भी किसी ने उन्हें पहली बार मौका दिया था। आज वही स्टार हैं।

इसी तरह रेड्डी, दीप और सुंदर भी अगर इस मौके को भुना पाए, तो वह भारत के अगले पांच साल की टीम का हिस्सा हो सकते हैं।

https://www.espncricinfo.com/cricket-videos/india-do-need-the-extra-batting-against-england-at-edgbaston-says-varun-aaron-1493100


निष्कर्ष: बदलाव ज़रूरी है, लेकिन संतुलन के साथ

बुमराह को आराम देना एक जोखिम जरूर है, लेकिन ज़िम्मेदार कप्तानी और सोच का संकेत भी है। वाशिंगटन सुंदर, रेड्डी और आकाश दीप जैसे खिलाड़ी इस मैच से बहुत कुछ सीख सकते हैं।

इंग्लैंड ने पहले गेंदबाज़ी चुनकर भारत को चुनौती दी है। अब देखना है कि क्या यह नए चेहरे दबाव में चमकते हैं या अनुभव की कमी कहीं भारी पड़ती है।

India VS England के बीच हेडिंग्ले टेस्ट मैच के पहले दिन का पहला सेशन उतार-चढ़ाव

India VS England के बीच हेडिंग्ले टेस्ट मैच के पहले दिन का पहला सेशन उतार-चढ़ाव से भरा रहा। भारत की सलामी जोड़ी ने जहाँ एक ओर टीम को मजबूत शुरुआत दी, वहीं इंग्लैंड ने पहले सेशन के अंत में दो अहम विकेट चटकाकर वापसी कर ली। यह मुकाबला अब एक रोचक मोड़ पर पहुंच चुका है, और पहले ही सेशन में दर्शकों को भरपूर रोमांच देखने को मिला।

भारत ने टॉस हारकर पहले बल्लेबाज़ी की शुरुआत की। यशस्वी जायसवाल और केएल राहुल ने मिलकर सावधानी से पारी की शुरुआत की, लेकिन जैसे ही गेंद थोड़ी ढीली फेंकी गई, दोनों बल्लेबाज़ों ने चौकों की झड़ी लगा दी। इंग्लैंड के गेंदबाज़ों ने पहले दस ओवरों में अच्छी लाइन और लेंथ पर गेंदबाज़ी करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने कई बार गेंद ज़्यादा आगे फेंकी, जिससे बल्लेबाज़ों को रन बटोरने में मदद मिली।

यशस्वी जायसवाल को शुरुआती ओवरों में

यशस्वी जायसवाल को शुरुआती ओवरों में इनस्विंग होती गेंदों से थोड़ी परेशानी हुई। कुछ गेंदें उनकी पैड्स पर लगीं, लेकिन वे बिना विकेट गंवाए इन चुनौतियों से पार पा गए। कुछ कट शॉट्स उन्होंने हवा में खेले जो गली क्षेत्र में गए, लेकिन गेंदबाज़ विकेट नहीं निकाल पाए। दूसरी ओर, केएल राहुल ने अनुभव का परिचय देते हुए समय के साथ पारी को संभाला और कई खूबसूरत ड्राइव शॉट्स खेले, खासकर कवर और स्ट्रेट ड्राइव्स उनके बल्ले से शानदार निकले।

भारत की यह सलामी जोड़ी इंग्लैंड पर हावी होती दिखी। पहले घंटे के भीतर ही नौ चौके लग चुके थे, और स्कोर बोर्ड तेज़ी से बढ़ रहा था। दर्शक भी रोमांचित थे क्योंकि यह पहली बार था जब हेडिंग्ले में पिछले सात टेस्ट मैचों में शुरुआती दस ओवरों में कोई विकेट नहीं गिरा। रन गति नियंत्रित रखने के प्रयास में इंग्लैंड ने एक डीआरएस रिव्यू भी गंवा दिया। जोश टंग की एक इनस्विंग गेंद पर जब यशस्वी के खिलाफ एलबीडब्ल्यू की अपील की गई, तो रिव्यू लेने के बाद भी यह स्पष्ट हो गया कि गेंद लेग स्टंप के बाहर पिच हुई थी और फिर लेग साइड की ओर जा रही थी।

जैसे-जैसे सत्र आगे बढ़ता गया, दोनों बल्लेबाज़ों का आत्मविश्वास बढ़ता गया। जायसवाल ने स्वीप और ड्राइव शॉट्स के माध्यम से रन बनाए, जबकि राहुल ने शॉर्ट बॉल्स पर अच्छे पुल और कट शॉट्स खेले। यह साझेदारी टीम इंडिया के लिए आदर्श साबित हो रही थी, लेकिन जैसे ही लंच ब्रेक करीब आया, खेल का रुख पलटा।

केएल राहुल, जो शानदार लय में बल्लेबाज़ी कर रहे थे, उन्होंने एक अतिरिक्त कवर ड्राइव खेलने की कोशिश की, लेकिन गेंद उनके बल्ले के बाहरी किनारे से निकलकर सीधा पहली स्लिप में चली गई। इंग्लैंड के गेंदबाज़ कार्स ने यह अहम सफलता दिलाई और इंग्लिश खिलाड़ियों का उत्साह सातवें आसमान पर पहुंच गया।

राहुल के आउट होते ही भारत को पहला झटका लगा और स्कोर 91 रन पर एक विकेट हो गया। इसके बाद डेब्यू कर रहे साई सुदर्शन मैदान पर आए। फैंस की निगाहें अब इस युवा बल्लेबाज़ पर थीं कि वो अपने पहले टेस्ट में कैसी शुरुआत करते हैं। लेकिन दुर्भाग्यवश, उनका यह डेब्यू यादगार नहीं बन पाया।

सुदर्शन ने अभी खाता भी नहीं खोला था कि बेन स्टोक्स की लेग साइड की ओर जाती गेंद को उन्होंने छू दिया और विकेटकीपर ने आसान कैच लपक लिया। इस तरह वह शून्य पर आउट हो गए। एक समय जहाँ भारत 100 के पार बिना किसी नुकसान के जाता दिख रहा था, वहीं अचानक दो विकेट गिर जाने से टीम का आत्मविश्वास हिल सा गया।

लंच ब्रेक के समय भारत का http://India VS England स्कोर 92 रन पर दो विकेट था। यशस्वी जायसवाल क्रीज़ पर टिके हुए थे और वे अपने अर्धशतक की ओर बढ़ रहे थे। लेकिन यह दोहरे झटके इंग्लैंड के लिए बहुत अहम साबित हुए क्योंकि इससे न सिर्फ रनगति पर ब्रेक लगा, बल्कि भारतीय ड्रेसिंग रूम में भी चिंता की लहर दौड़ गई।

पहले सेशन के अंत में साफ़ था कि मुकाबला अब पूरी तरह संतुलन में है। भारत ने शानदार शुरुआत की, लेकिन इंग्लैंड ने जिस तरह वापसी की, उसने बता दिया कि ये टेस्ट मैच अब और भी दिलचस्प मोड़ लेगा।

अगले सेशन में यह देखना दिलचस्प होगा कि यशस्वी जायसवाल अपनी पारी को किस ऊँचाई तक ले जाते हैं और क्या मिडल ऑर्डर इस तेज़ गेंदबाज़ी आक्रमण का सामना कर पाएगा या नहीं।

फिलहाल, पहले सेशन की बात करें तो यह कहना गलत नहीं होगा कि दर्शकों को टेस्ट क्रिकेट का पूरा मज़ा मिल रहा है — जहां एक ओर बल्लेबाज़ी की क्लास दिखी, वहीं गेंदबाज़ों की वापसी ने मुकाबले को रोमांचक बना दिया है।